जज़्बात एक्सप्रेस कथा जज़्बात एक्सप्रेस कथा
ये सब कथा सुनाएं शिवजी मन से सुनतीं पार्वती हैं कहें अब संदेह न रहा मुझे प्रताप राम का जान गयी... ये सब कथा सुनाएं शिवजी मन से सुनतीं पार्वती हैं कहें अब संदेह न रहा मुझे प...
वो सर से पाँव तक पूरी इशारा। वो सर से पाँव तक पूरी इशारा।
इतने लालों की माई मैं, क्यों इतनी असहाय पड़ी। इतने लालों की माई मैं, क्यों इतनी असहाय पड़ी।
इस कथा में आत्मा बसी जहान की क्यों राम जी से दूर जा रही है जानकी। इस कथा में आत्मा बसी जहान की क्यों राम जी से दूर जा रही है जानकी।
कभी चुप रहकर भी कह देते हैं कुछ अनकहा, कभी बातों को बातों से उलझते हैं। कभी चुप रहकर भी कह देते हैं कुछ अनकहा, कभी बातों को बातों से उलझते हैं।